**हँसते हुए खिलखिला के चल**
इस फ़ानी-दुनिया में अपने-लिए-जिए तो क्या-जिए,
तू सारे जहां के बोझ को सर पर उठा के चल !!
पहाड़ सी कुछ मुश्किलें भी आयेंगीं जरूर राह में तेरी,
दरियाँ की तरह हँसते हुए खिलखिला के चल !!
दुःख-सुख से अलग हो अलमस्त जिंदगी बिता ले तू,
निष्काम कर्म कर और दुनिया में झिलमिला के चल !!
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