यदि आप किसी कार्य को प्रारम्भ करने से पूर्व ही ऐसा सोचते हैं कि आप यह नहीं कर पायेंगे तो निश्चय ही आप सही सोच रहे हैं, आत्मविश्वास की अनुपस्थिति में आप उसे नहीं कर पायेंगे और यदि आप ऐसा सोचते हैं कि यह काम आप बड़ी आसानी से पूरा कर लेंगे तो भरपूर आत्मविश्वास की वजह से आप निश्चय ही इसे पूरा कर लेंगे .... !!
दरअसल किसी भी कार्य को प्रारम्भ करने से पूर्व आपका यह सोचना कि "आप इसे कर पायेंगे अथवा नहीं कर पायेंगे" आपकी सफलता या असफलता को 99% पहले ही सुनिश्चित कर देता है, बाकी का 1% तो औपचारिकता मात्र रह जाता है .... !!
आत्मविश्वास और उम्मीद ख़त्म हो जाये तो सब कुछ ख़त्म हो जाता है, आगे के लिए हर सम्भावना के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो जाते हैं....वस्तुतः आत्मविश्वास सफलता की राह में आनेवाली सीढ़ियों का सर्वप्रथम पायदान है और सफलता उसका प्रत्यक्ष परिणाम .... !!
ham aapke blog ke pahale follower ban gae, shubhakmanayen
जवाब देंहटाएंमित्रवर ललित शर्मा जी, आपका "ठनठनिया~जंक्शन* पर स्वागत है, बिलकुल पहले Follower होने के लिए आपका आभारी हूँ....पूरे आत्मविश्वास के साथ उम्मीद रखता हूँ कि आप हमेशा सहयोग एवँ अनुकम्पा बनाये रखेंगे और लेखन सम्बन्धी मेरी त्रुटियों पर मेरा मार्गनिर्देशन भी करेंगे !!
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