मंगलवार, 11 फ़रवरी 2014

**आज प्रामिस डे है....प्रामिस यानी वादा**

आज प्रामिस डे है....प्रामिस यानी वादा....सोचकर थोडा अजीब लगता है कि वादा निभाने अथवा निभाने की याद दिलाने के लिए साल भर में बस एक ही दिन, ऐसी हालत में हमारे भाग्यविधाता उन राजनेताओं का क्या जो पूरे पाँच साल ले लेते हैं वादा निभाने के लिए लेकिन फिर भी अपना किया हुआ वादा पूरा करने असफल हो दान निपोड़ देते हैं{चौरंगीलाल-दुमुखिया उर्फ़ दाँत-निपोड़ा}....इससे यही निष्कर्ष निकलता है कि वादे तो किये ही जाते हैं तोड़ने के लिये....!!

                                             मिलने की मुझसे, कोशिश तुम करना, 
                                           वादा कभी न करना, वादे तो टूट जाते हैं !!

शादी और शतरंज एक समान है, दोनों में राजा बस एक घर आगे बढ़ता है और रानी चाहे जहाँ चाहे फ़ौरन वहाँ पहुँच जाती है....गृहस्थी में पत्नी का स्थान होम-मिनिस्टर{गृहमंत्री} का हुआ करता है....!!

                                                                                   

यह एक अजीब सी आदत आज के युवा वर्ग{अधिकांशतः} में आ चुकी है कि आज जो पसंद है उसे वे कल देखना भी नहीं चाहते, नयी पीढ़ी के लड़के लड़कियों में प्यार हो तो बहुत जल्दी जाता है पर यह कब टूट जाए इसका कोई पता नहीं....यही कारण है कि आज कोई किसी से ब्रेक अप करता है तो कल किसी से हूक अप कर लेता है, आज जिससे प्रेम है कल उसीसे नफरत हो जायेगी{फास्ट लाईफ का फंडा है ये....मनमौजी प्यार}....आज का युवा वर्ग काफी स्वार्थी हो चुका है....जैसे कि ऑफिस में वह अपने काम निकालने के लिए किसी से भी दोस्ती और दुश्मनी कर सकता है वैसे ही अपनी निजी जिंदगी में भी इस फोर्मूले को वह अपनाने लगा है....मसलन किसी भी लड़की को जब तक किसी लड़के की भावनात्मक तौर पर जरुरत होती है वह तब तक उस लड़के के साथ वक्त बिताती है पर जैसे ही उसे लगता है कि उसे अब लड़के की जरुरत नहीं तो वह उसे छोड़ने में तनिक देर नहीं करती....!!

यह तो टुडे वाला प्रामिस डे है....डेली वाला प्रामिस डे कभी आयेगा भी....क्या पता{शायद हाँ....शायद नहीं}....!!

  

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